Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब नीति (Delhi Liquor Policy) के कथित घोटाले के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है.
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि केजरीवाल को अब तुरंत मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. मनजिंदर सिंह ने कहा कि "अरविंद केजरीवाल सत्ता के लोभी हैं. अपने लिए सत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं और देशहित से ऊपर अपना निजी हित मानते हैं... यह मैं नहीं कर रहा, ये माननीय उच्च न्यायालय के डबल बेंच की प्रतिक्रिया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नगर निगम (एमसीडी) के विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबों नहीं मिलने के मुद्दे पर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लताड़ लगाई और कहा कि गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने हुए हैं, जो दर्शाता है कि उन्होंने राजनीतिक हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा है.अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार की 'सत्ता के समायोजन में रुचि है.'
दिल्ली सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि इस मामले में केजरीवाल से मंजूरी की आवश्यकता है, जिसके बाद अदालत ने यह तल्ख टिप्पणी की. केजरीवाल, 2021 की आबकारी नीति के संबंध में कथित धन शोधन के मामले में हिरासत में हैं. अदालत ने कहा कि अब तक हमने 'विनम्रतापूर्वक' इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रीय हित 'सर्वोपरि' है लेकिन मौजूदा मामले ने उजागर कर दिया कि यह 'गलत' है.
अदालत इस मामले में सोमवार को आदेश पारित करेगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा की पीठ ने कहा, ''मुझे यह कहते हुए बेहद दुख हो रहा है कि आपने अपने हित को विद्यार्थियों और पढ़ने वाले बच्चों के हित से ऊपर रखा. यह स्पष्ट है और हम मानते हैं कि आपने अपने राजनीतिक हित को सबसे ऊपर रखा है.''
उन्होंने कहा, ''यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपने ऐसा किया। यह गलत है और यही बात इस मामले में उजागर हुई है.''अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि उनका मुवक्किल 'केवल सत्ता के इस्तेमाल में रुचि रखता है।' पीठ ने कहा, ''हमें नहीं पता कि आप कितनी शक्ति चाहते हैं. समस्या यह है कि आप शक्तियां हथियाने की कोशिश कर रहे हैं, यही वजह है कि आपको शक्ति नहीं मिल रही है.
''अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वह (केजरीवाल) चाहते हैं कि प्रशासन 'पंगु' हो जाए तो यह मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत विचार है. पीठ ने कहा कि नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों को 'सभी को साथ लेकर चलना होगा' क्योंकि यह 'एक व्यक्ति के प्रभुत्व' का मामला नहीं हो सकता है.
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि वह मुख्यमंत्री की ओर से पेश नहीं हुए हैं.उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि नगर निगम की स्थायी समिति की अनुपस्थिति के मद्देनजर अगर एमसीडी आयुक्त वित्तीय मंजूरी के लिए औपचारिक अनुरोध करते हैं तो किताबों की आपूर्ति का मुद्दा हल हो जाएगा.