Anand Mohan release: बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया है. पूर्व आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने आनंद की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, उमा ने एक बार फिर आनंद मोहन को जेल में डालने की मांग की है. उन्होंने बिहार सरकार (Government of Bihar) के नियमों के बदलाव के नोटिफिकेशन को भी रद्द करने की मांग की है.
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उनका कहना है कि दिवंगत IAS अधिकारी और गोपालगंज (Gopalganj) के तत्कालीन डीएम की हत्या में आनंद मोहन को पहले फांसी की सजा हुई थी. बाद में इसे आजीवन कारावास कर दिया गया लेकिन नीतीश सरकार ने राजपूत वोट बैंक के लिए आनंद मोहन को रिहा कर दिया। उमा कृष्णैय्या का मानना है कि आजीवन कारावास का मतलब अंतिम सांस तक जेल होता है लेकिन आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया.
आंध्र प्रदेश के आईएएस एसोसिएशन ने भी गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. बता दें कि पुराने नियम के सरकारी नौकर की हत्या करने वालों को सजा से पहले रिहाई का कोई नियम नहीं था. लेकिन बिहार की नीतीश सरकार ने नियम में बदलाव कर आनंद मोहन के साथ एक दर्जन जेलों में बंद 27 बंदियों को मुक्त करने का आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद गुरुवार को आनंद मोहन जेल से बाहर आ गए हैं.