करीब 2 साल से जेल में बंद सपा (SP) नेता आजम खान (Azam Khan) को जमानत (Bail) के मामले में जहां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली तो वहीं हाईकोर्ट (HC) ने तल्ख टिप्पणी की. हालांकि, हाईकोर्ट से भी आजम खान को जमानत मिल गई है पर इसके बावजूद आजम को अभी रिहाई नहीं मिलेगी. क्योंकि उन पर एक नया मुकदमा दर्ज (New Case) हो गया है...हालांकि लेकर शीर्ष कोर्ट ने नाराजगी जताई है. टॉप कोर्ट ने कहा कि ये एक ट्रेंड (Trend) बन गया है. एक ही आदमी पर 89 मुकदमे दर्ज हुए हैं. जब जमानत मिलती है, एक नया केस आ जाता है, ये कैसे हो रहा है.
इस पर यूपी सरकार (UP Government) के वकील ने कहा कि ये एक गलतफहमी है. हर मुकदमा अपने आप में अलग है. राज्य सरकार हलफनामे के जरिए अदालत को ये समझाना चाहती है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दे दी. अब इस मामले पर अगले हफ्ते मंगलवार को सुनवाई होगी.
इससे पहले 6 मई को भी जमीन कब्जाने के मामले में आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी, और इसे 'न्याय के साथ मजाक' बताया था.
उधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट सपा नेता को जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए तल्ख टिप्पणी की. HC ने कहा कि आजम खान ने सत्ता के नशे में चूर होकर अपने पद का दुरुपयोग किया था...और आजम खान को ये अंतरिम जमानत सिर्फ उनकी उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है. हालांकि, आजम पर दर्ज हुआ नया मामला फिलहाल उनकी रिहाई के रास्ते में रोड़ा बन गया है.
किसने और किस मामले में दर्ज हुआ नया मुकदमा?
दरअसल, कुछ दिन पहले ही बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई थी. फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर स्कूल की बिल्डिंग की मान्यता लेने का आरोप लगाया है. अब इसी मामले ने आजम खान के जेल से बाहर आने का रास्ता रोक दिया है.