Bhagat Singh Koshyari Controversy: महाराष्ट्र की राजनीति में सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. उनके बयान के बाद शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी, एकनाथ शिंदे गुट ने भी इसपर अपना विरोध जताया है. इस कड़ी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं राज्यपाल के पद पर बैठे किसी शख्स का अपमान नहीं करना चाहता. मैं कुर्सी का सम्मान करता हूं लेकिन भगत सिंह कोश्यारी ने मराठियों का अपमान किया और लोगों में गुस्सा है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, हर हद पार कर रहे हैं.
वहीं, MNS प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी मानुष ने अपना दिल और जमीन ठीक से रखी है. तभी तो दूसरे राज्यों के लोग यहां व्यवसाय करने आये और आ रहे हैं ना? दूसरी जगह ऐसा वातावरण मिलेगा क्या? सिर्फ चुनाव आने की वजह से किसी के कहने पर कुछ भी बोलकर माहौल न बिगाड़ें. हम कोई दूध पीते बच्चे नहीं हैं जो आप कुछ भी बोलो और हम समझ न पाएं. मराठी मानुष को उकसाओ मत, फिलहाल यही आपको बोल रहे हैं. शिवसेना और एमएनएस के साथ बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा है कि हम राज्यपाल के बयान से सहमत नहीं हैं. महाराष्ट्र और मुंबई, मराठी लोगों की मेहनत, पसीने और शहादत से खड़े हैं. हमारा गौरवशाली इतिहास यही बताता है.
बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को राज्य से हटा दिया जाता है, तो देशी आर्थिक राजधानी कही जानी वाली मुंबई के पास पैसे नहीं बचेंगे. हालांकि विवाद के तूल पकड़ने के बाद उन्होंने सफाई पेश की है. अपनी सफाई में राज्यपाल ने कहा कि हमेशा की तरह मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. महाराष्ट्र के निर्माण में मराठी लोगों की मेहनत का सबसे ज्यादा योगदान है. कम से कम मेरे द्वारा मराठी लोगों का कभी अपमान नहीं किया जाएगा.