मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सजा पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को मैक्सिम दो साल की सजा दी गई. निचली अदालत ने ये कारण नहीं दिए कि क्यों पूरे दो साल की सजा दी गई. हाईकोर्ट ने भी इस पर पूरी तरह विचार नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी गुड टेस्ट में नहीं थी. पब्लिक लाइफ में इस पर सतर्क रहना चाहिए.
राहुल गांधी की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. जबकि दूसरे पक्ष की तरफ से महेश जेठमलानी ने अपनी दलील रखी.
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह समाज के खिलाफ अपराध का मामला नहीं है. यह हत्या, बलात्कार, अपहरण का मामला भी नहीं है. तो ये कैसे कहा जा सकता है कि ये गंभीर मामला है.उन्होंने कहा कि यह एक जमानती अपराध है. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह समाज के खिलाफ अपराध का मामला नहीं है.
महेश जेठमलानी ने कहा कि स्पीच को पूरे देश ने सुना है. राहुल गांधी की स्पीच के बारे में अदालत में बताया भी गया है. राहुल गांधी का इरादा मोदी सरनेम वाले लोगों को सिर्फ इसलिए बदनाम करना था क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी भी यही सरनेम लगाते हैं. ऐसे में उन्होंने अपने द्वेषवश पूरे वर्ग को बदनाम किया है.