बिहार (Bihar) में सियासी पाला बदलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) तीन दिन के दिल्ली (Delhi) दौरे पर हैं. इस दौरान नीतीश कुमार तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर विपक्ष की एकजुटता पर जोर दे रहे हैं. इस कड़ी में सोमवार को नीतीश कुमार ने दिल्ली पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की. इसके बाद नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की.
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इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी पीएम बनने की कोई इच्छा नहीं है. वह केवल विपक्ष की एकजुटता के लिए काम कर रहे हैं.राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बाद सीएम नीतीश यूपी के पूर्व सीएम मुलायाम सिंह से मिलने पहुंचे. दोनों के बीच अस्पताल में हुई मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव भी मौजूद रहे.
लेफ्ट पार्टियों के साथ भी नजर आए नीतीश कुमार
मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कड़ी में नीतीश कुमार लेफ्ट पार्टियों के साथ भी नजर आए. इस कड़ी में उन्होंने लेफ्ट नेता सीताराम यचुरी और डी राजा से मुलाकात की. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की विपक्ष के नेताओं से मुलाकात के कई सियासी मतलब भी निकाले जा रहे हैं. विपक्ष को एकजुट करने की कवायद का सबसे बड़ा नमूना 25 सितंबर को दिखने वाला है. चौधरी देवी लाल की जयंती पर फ़तेहाबाद में ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में आईएनएलडी बड़ी रैली करने वाली है.
राजनीतिक मौसम में इसे विपक्षी एकता का एक बड़ा मंच
अब ये रैली कहने को चौधरी देवी लाल के सम्मान में रखी जाएगी, लेकिन राजनीतिक मौसम में इसे विपक्षी एकता का एक बड़ा मंच भी बनाया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस रैली में ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, प्रकाश सिंह बादल, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहेंगे. इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ओम प्रकाश चौटाला से उनके गुरूग्राम स्थित आवास पर मुलाकात की. इस दौरान देश और प्रदेश के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई और तीसरे मोर्चे को मजबूत करने के लिए विचार विमर्श हुआ .