Bihar Political crisis: बिहार में खेला जारी है. खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) कभी भी BJP का साथ छोड़ RJD के साथ सरकार बना सकते हैं. लेकिन सवाल है कि दशकों साथ रहे नीतीश कुमार की JDU और BJP में यह खटास क्यों आई? क्या नीतीश कुमार को गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से दिक्कत है? PM मोदी से दिक्कत है या बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से? जी हां, सवाल यहीं आकर अटक जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार को अमित शाह के बिहार की राजनीति में बढ़ते दखल से दिक्कत है और वह असहज महसूस कर रहे हैं. 2020 बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly election) के बाद बीजेपी कोटे से जो भी मंत्री (Minister) बनाए गए हैं उसमें ज्यादातर अमित शाह की पसंद के हैं. नीतीश खेमे को ऐसे लगता है कि इन मंत्रियों को कहीं और से निर्देश मिलता है, वो सीएम के मुताबिक न ही चलते हैं और.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सबसे बड़ा झटका तब लगा था जब बीजेपी ने उनके करीबी सुशील मोदी जैसे नेताओं को बिहार की राजनीति से दूर कर दिया था. साल 2020 विधानसभा चुनाव के बाद BJP ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया. हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक नीतीश कुमार का मानना है कि इन लोगों की जमीन पर कोई पकड़ नहीं है. इसके अलावा इनके प्रशासनिक अनुभव में भी कच्चे हैं.
कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार काफी सयम से बीजेपी से नाराज हैं. उनका आरोप है कि अकसर बीजेपी के नेता उनके खिलाफ कुछ भी बोल देते हैं और पार्टी के बड़े नेता इसपर कोई टिप्पणी नहीं करते. नीतीश कुमार इस बात से नाराज थे कि उनकी सलाह के बिना ही आरसीपी सिंह को मोदी कैबिनेट में जगह दी गई थी.
बीजेपी से नीतीश कुमार की नाराजगी के संकेत ऐसे ही नहीं लगाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी वाले 4 कार्यक्रमों से नीतीश कुमार ने किनारा किया है. इसके अलावा अमित शाह की ओर से बुलाई गई बैठकों से भी दूर रहे.