बिहार (Bihar) की सियासत में लगातार खिचड़ी पक रही है. ताजा मामला JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) से जुड़ा है. आरसीपी सिंह को उनकी पार्टी जेडीयू ने उनको शो कॉज नोटिस भेजा गया है. वो भी भ्रष्टाचार के आरोप में. ये नोटिस नालंदा जिले के जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष के आरोप पर भेजा गया है. इस नोटिस में जेडीयू ने आरसीपी सिंह पर परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जिसमें कहा गया है कि आरसीपी सिंह ने जेडीयू में रहते बेहिसाब संपत्ति जुटाई. है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से ये जवाब-तलब किया गया है. जिसमें साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. इसमें नालंदा जिले के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन भी शामिल है.
जमीन को दान में लेने का आरोप भी आरसीपी सिंह पर लगा है. इन संपत्तियों का चुनावी हलफनामे में जिक्र नहीं किया गया था. पार्टी का आरोप है कि जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात को छिपाए रखा. जेडीयू ने यहां तक आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी के नाम में हेरफेर कर जमीन खरीदी है. हालांकि जदयू के द्वारा नोटिस भेजे जाने पर आरसीपीसी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
वहीं इस पूरे मामले पर RJD नेता तेजस्वी यादव चुप हैं. उनकी पार्टी आरजेडी इसे जेडीयू का अंदरुनी मसला बता रही है. बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव हो 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव, उस दौरान लगभग हर रोज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और आरसीपी सिंह पर हमला करते थे.
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बात बीजेपी की जाय तो, बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह पर जो आरोप लगे हैं, यह जांच का विषय है. उनके जवाब का भी इंतजार करना चाहिए. यह जेडीयू का अंदरुनी मामला है. यह उनके (जेडीयू) बड़े नेता और दल के अंदर का विषय है. इसपर हम लोगों को बोलना उचित नहीं है.
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