पटना में चल रही विपक्षी दलों की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शरद पवार और उद्धव ठाकरे का साथ मिल गया है. दोनों नेताओं ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा पर लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस पार्टी को केजरीवाल का साथ देना चाहिए.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamata banerjee) ने भी किसी मद्दे पर आपस में लड़ने की जगह एकजुट होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हमें 2024 के लोकसभा चुनाव पर फोकस करना चाहिए और इसके लिए एकजुट होना बहुत जरूरी है.
आपको बता दें कि केजरीवाल चाहते हैं कि पटना में हो रही बैठक में दिल्ली के अध्यादेश पर भी चर्चा हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी (congress party) ने संसद सत्र के वक्त इस पर विचार करने की बात कर दी. इसके बात अरविंद केजरीवाल ने तो बैठक का बहिष्कार तक करने की बात कह दी थी. लेकिन वह बैठक शामिल हुए.
गौरतलब है कि दिल्ली में पॉवर शेयरिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट(supreme court) ने अपना फैसला सुनाया था. इसके बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई जिसके अनुसार उपराज्यपाल ही दिल्ली के असली बॉस होंगे. इस अध्यादेश को संसद के दोनों सदनों से पास करवा होगा.
लोकसभा से तो केंद्र की भाजपा सरकार इसे आसानी से पास करा लेगी. लेकिन राज्यसभा में इसे परेशानी हो सकती है. राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 245 होती है, लेकिन इस समय राज्यसभा में 238 सदस्य हैं और बहुमत के लिए 120 सदस्यों का होना जरूरी है. एनडीए के पास राज्यसभा में 110 सदस्यों का समर्थन है. यूपीए के पास 64 सदस्य हैं. वहीं अन्य विपक्षी दलों के पास भी 64 सदस्य हैं. ऐसे केजरीवाल को सभी विपक्षी दलों का समर्थन मिल जाता है तो 128 सदस्य हो जाएंगे.
यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर राज्यसभा में समर्थन की अपील कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ क्षेत्रिय दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी.
वह चाहते थे कि 23 जून को होने वाली विपक्ष की बैठक में अध्यादेश पर भी चर्चा हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे अलग मुद्दा बताते हुए समय आने पर चर्चा की बात कही थी.