Bihar Politics: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल छाये हुए हैं. दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना रुख एक बार फिर बदल कर बीजपी के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी कर सकते हैं. नीतीश शुक्रवार को राजभवन में आयोजित समारोह में शामिल हुए जबकि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के अधिकांश नेता इसमें अनुपस्थित रहे.
ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन में सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाखुश नीतीश कुमार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी की योजना बना रहे हैं.
राजभवन में समारोह के दौरान राजभवन में नीतीश कुमार के बगल वाली कुर्सी पर पहले तेजस्वी यादव के नाम की की पर्ची लगायी गई थी, लेकिन बाद में उसे हटाकर उस कुर्सी पर मंत्री अशोक कुमार चौधरी बैठ गए.
समारोह से बाहर निकलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि यह तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित आरजेडी के अन्य नेताओं का काम है कि वे इस पर टिप्पणी करें कि वे समारोह में क्यों नहीं आये.
वहीं अशोक कुमार चौधरी के बगल में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा बैठे और वह नीतीश कुमार के साथ बातचीत करते हुए देखे गए.
बताया जाता है कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के गठबंधन तोड़ने का फैसला करने की स्थिति में सत्ता जाने से रोकने की रणनीति बनाने के लिए अपने आवास पर पार्टी के करीबी नेताओं के साथ बैठक की थी.
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुमार इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करें कि वो एनडीए में वापस जाने की योजना बना रहे हैं.
मनोज झा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, राज्य में जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता, नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा, ''हमारे नेता महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री आवास में हैं. भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. लेकिन अगर कुछ लोग अभी भ्रम में रहने का चयन करते हैं, तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते.''