Bihar Politics: बिहार में सियासी पारा एक बार फिर से गर्म हो चुका है. नीतीश कुमार की बदौलत मुख्यमंत्री बने जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) ने एक बार फिर से नीतीश के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है.
सवाल यह है कि पिछले 8 सालों में 7 बार यूटर्न ले चुके मांझी इस पर किसके पाले में फिट बैठने वाले हैं. यही तय करने के लिए मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (Hindustani Awam Morcha) ने आगामी 18 जून को राजधानी पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
वैसे माना यह जा रहा है कि मांझी अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ रूख करने वाले हैं. क्योंकि, बीते 13 अप्रैल को जीतनराम मांझी की दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से हुई थी. इसके बाद से ही जदयू ने मांझी पर विलय होने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था.
वैसे तो सियासत में मौका देखते ही यूटर्न लेना कोई नई बात नहीं है. लेकिन बिहार की सियासत में कुछ अलग ही है. पहले रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को सियासत का मौसम वैज्ञानिक माना जाता था. उसके बाद नीतीश कुमार पलटी मारने लगे और अब जीतनराम मांझी ने तो नीतीश को भी पीछे छोड़ दिया.
जीतन राम मांझी पिछले 8 साल में 7 बार यूटर्न ले चुके हैं. जबकि नीतीश कुमार 10 साल में 4 बार. मांझी ने 2015 में जेडीयू से रिश्ता तोड़ने के बाद खुद की पार्टी बनाई और एनडीए में शामिल हो गए.
मांझी 21 सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन सिर्फ खुद की सीट बचा पाए. 2017 में मांझी एनडीए से अलग हो गए और यूपीए में शामिल हो गए.
मांझी को 40 में से 3 सीटें मिली, लेकिन एक भी जीत नहीं पाए. इसके बाद नीतीश के सहारे मांझी फिर एनडीए में पहुंच गए. 2020 में हम (सेक्युलर) एनडीए के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरे.
मांझी की पार्टी को 7 सीटें मिली, जिसमें से 4 पर जीत दर्ज की. 2022 में जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए तो मांझी भी उनके साथ निकल गए.
मांझी महागठबंधन में शामिल हुए और नीतीश के साथ कभी न जाने की कसम भी खाई. 2023 में राजनीतिक फैसला लेते हुए उन्होंने नीतीश कुमार कैबिनेट से खुद की पार्टी को अलग कर लिया है. जेडीयू ने कहा है कि मांझी महागठबंधन से भी अलग हो गए हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने आगामी 23 जून को बिहार में विपक्ष की बैठक बुलाई है. इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) , पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee), तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे.
लेकिन नीतीश ने इस बैठक में महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतनराम मांझी को न्योता नहीं भेजा. यही नहीं, सियासी गलियारे में चर्चा यह भी है कि पिछले दिनों नीतीश कुमार के साथ बैठक में मांझी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में 5 सीटें मांगी थी.