Places of Worship Act: बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव (Harnath Singh Yadav) ने सोमवार को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 को तत्काल समाप्त करने की मांग की. सांसद ने आरोप लगाया कि यह कानून संविधान के तहत प्रदान किए गए हिंदुओं, सिखों, जैनियों और बौद्धों के धार्मिक अधिकारों का अतिक्रमण करता है. राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान हरनाथ सिंह यादव ने यह भी दावा किया कि कानून देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा रहा है.
हरनाथ सिंह यादव ने कहा, ''प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पूरी तरह से अतार्किक और असंवैधानिक है. यह संविधान के तहत हिंदुओं, सिखों, बौद्धों और जैनियों के धार्मिक अधिकारों को छीन लेता है.'' उन्होंने कहा, ''यह देश में सांप्रदायिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा रहा है. इसलिए मैं सरकार से राष्ट्रहित में इस कानून को तत्काल वापस लेने का आग्रह करता हूं.''
उपासना या पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 के मुताबिक 15 अगस्त, 1947 के समय जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में होगा, उसके बाद वह वैसा ही रहेगा और उसकी प्रकृति या स्वभाव नहीं बदली जाएगी. साल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के शासनकाल में यह कानून पारित हुआ था.
यादव ने कहा कि यह कानून संविधान में प्रदत्त समानता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. उन्होंने यह भी कहा कि कानून न्यायिक समीक्षा पर रोक लगाता है.
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