पूर्व केंद्रीय मंत्री और एलजीपी के संस्थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के बेटे और सासंद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने उनके दिंवगत पिता को आवंटित सरकारी बंगला खाली कर दिया. उन्होंने बंगला खाली करने के दौरान कहा कि आज नहीं तो कल यह होना ही था. हमने कभी भी यह मांग नहीं की थी कि ये बंगला हमेशा के लिए हमें दिया जाए. यह बात जरूर है कि मेरे पिताजी की बहुत सारी यादें इस घर से जुड़ी हुई हैं.. जिस तरीके से मुझे घर छोड़ना पड़ रहा है, उस तरीके पर मुझे थोड़ी आपत्ति जरूर है. मेरे पिताजी के समय से ही उनके साथ काम करने वाले करीब 100 लोग यहां रहते थे. उनके लिए जो बन पड़ेगा वो जरूर करेंगे. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने चिराग पासवान को उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले से बेदखल करने के लिए एक टीम भेजी थी.
बता दें कि साल 2014 में रामविलास पासवान को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. हालांकि सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ के दो बंगले के बाद 12 जनपथ का बंगला रामविसाल पासवान के पास लंबे समय में था. लेकिन अक्टूबर 2020 में उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने उनके बेटे चिराग पासवान को यह घर खाली करने का नोटिस जारी किया था. अधिकारियों ने कहा कि 12-जनपथ बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए निर्धारित है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया था.