Acharya Pramod Krishnam on Caste Census: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम जातीय सर्वेक्षण के विरोध में उतर गए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के कुछ नेता ये चाहते हैं कि देश जातियों के नाम पर विभाजित हो जाए. सभी नेताओं के ये सोचना चाहिए कि जातीय जनगणना बड़ी है या देश बड़ा है. बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान में जातिगत सर्वे का आदेश जारी किया है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ये देश 1947 में एक विभाजन देख चुका है. 1947 के विभाजन का जो दर्द है वो अभी तक गया नहीं है. भारत को जो जख्म 1947 के विभाजन में लगा, वो जख्म अभी तक भरा नहीं है. उन्होंने कहा कि विभाजन धर्म के आधार पर हो या जातियों के आधार पर, क्षेत्र के आधार पर हो या भाषा के आधार पर. किसी राजनीतिक दल को इससे फायदा पहुंचता हो, या इससे नुकसान होता हो, लेकिन विभाजन देश के लिए खतरनाक है.
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हमारा समाज, सामाजिक समरसता, सामाजिक उत्थान इनके लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं.योजनाएं पंडित नेहरू से लेकर वर्तमान सरकार तक सब बनाते हैं. लेकिन समाज को जातियों के नाम पर विभाजित कर देना ये देश के लिए ठीक संकेत नहीं है.
कांग्रेस नेता ने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी चाहती है कि ये देश धर्म के नाम पर विभाजित हो जाए और अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि विपक्ष के कुछ नेता ये चाहते हैं कि ये देश जातियों के नाम पर विभाजित हो जाए. मैं दोनों का ही समर्थन नहीं करता. मैं मानता हूं कि देश रहेगा तभी राजनीति रहेगी. देश रहेगा तभी यूनिटी रहेगी. देश रहेगा तभी सत्ता आएगी और जाएगी. देश बड़ा है राजनीति छोटी है.
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सभी नेताओं के ये सोचना चाहिए कि सियासत बड़ी है या देश बड़ा है. जातीय जनगणना बड़ी है या देश बड़ा है. देश की एकता और अखंडता के लिए जातिवादी राजनीति ठीक नहीं है.