अक्सर ‘परिवारवाद’ के आरोपों का सामना करती रही कांग्रेस ( Congress Party ) अब 'एक परिवार, एक टिकट' की व्यवस्था बनाने पर विचार कर रही है. इस प्रस्ताव को सहमति मिलने की स्थिति में यह प्रावधान भी होगा कि एक परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा जब वह पार्टी के लिए कम से कम 5 साल तक काम करे.
अजय माकन ने कहा- बड़े बदलाव की ओर देख रही है पार्टी
पार्टी महासचिव अजय माकन ( Party General Secretary Ajay Maken ) ने बताया है कि चिंतन शिविर ( Congress Chintan Shivir ) में चर्चा के लिए ‘एक परिवार, एक टिकट’ का प्रस्ताव आया है. उन्होंने ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ की शुरुआत से पहले कहा कि कांग्रेस ‘बड़े बदलाव’ की ओर देख रही है. संगठन की कई समितियों में नौजवानों के लिए 50% जगह आरक्षित करने, स्थानीय स्तर पर मंडल समितियां बनाने, पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आकलन इकाई बनाने और एक पद पर किसी शख्स के लगातार पांच साल से ज्यादा नहीं रहने की व्यवस्था तय करने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा.
उन्होंने बताया, ‘‘एक परिवार, एक टिकट पर चर्चा हुई है. इस पर सहमति बन रही है. इसमें यह प्रावधान भी होगा कि परिवार के दूसरे व्यक्ति को टिकट पाने के लिए कम से कम पांच साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा. ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकाएक चुनाव लड़ ले. अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन के लिए अपने पांच साल देने होंगे.’’
गांधी-नेहरू परिवार के लिए दिक्कत नहीं होगी
कांग्रेस के ‘एक परिवार, एक टिकट’ के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के हालात में गांधी-नेहरू परिवार ( Gandhi-Nehru Family ) से राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा के अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा क्योंकि प्रियंका 2019 के शुरु में सक्रिय राजनीति में उतरी थीं. इसके साथ ही, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत के एक साथ चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं होगी क्योंकि वैभव पिछले कई सालों से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं.
माकन ने बताया, ‘‘यह सुझाव भी है कि कोई भी शख्स किसी पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक न रहे. अगर उसे पांच साल से ज्यादा समय तक पद पर रहना है तो उसके लिए तीन साल का ‘कूलिंग पीरियड’ हो और फिर वह उस पद पर आ सके.’’ माकन ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वे और इस तरह के दूसरे कार्यों के लिए पार्टी में 'पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट'' बनाने का भी प्रस्ताव है.
माकन ने कहा, ‘‘यह अक्सर कहा जाता है कि जो पदाधिकारी अच्छा काम करता है उसे ईनाम नहीं मिलता. इसको लेकर एक मापदंड तय करने के लिए अलग से आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बनाने पर सहमति बन रही है. इसके तहत यह सुझाव है कि जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको प्रमोशन दिया जाए और जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं कि उनको पद पर न रखा जाए.’’
उन्होंने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर समिति में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. चिंतन शिविर के लिए बनी राजनीतिक मामलों की समन्वय समिति के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी सरकार की ओर से ‘संवैधानिक मूल्यों पर जिस तरह से हमला किया जा रहा है’, उस पर और कई अन्य मुद्दों पर इस चिंतन शिविर में चर्चा की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि इस शिविर में इस बात पर मुख्य रूप से चर्चा होगी कि तमाम चुनौतियों को लेकर कांग्रेस कैसे राजनीतिक और संगठनात्मक रूप से जवाब देगी.