Katchatheevu island row: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु को ध्यान में रखकर कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाया. खरगे ने दावा किया कि मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता के कारण नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों से रिश्ते बिगड़ गए. खरगे ने सवाल पूछते हुए कहा, प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चातिवु को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाया?
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप 'संवेदनहीन' ढंग से श्रीलंका को दे दिया था.
खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, आप अपने कुशासन के 10वें वर्ष में क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अचानक जाग गए हैं. शायद, चुनाव ही इसका कारण है. आपकी हताशा स्पष्ट है.''
खरगे के अनुसार, साल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया था कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता दिलों का मिलन है तथा यह बयान 1974 में इंदिरा गांधी की पहल की सराहना करता है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''आपकी सरकार के तहत, मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को स्थानांतरित कर दिए गए, और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए. 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव पर आधारित एक समान समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ कच्चातिवु पर शुरू किया गया था.''
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