दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंग में समर्थन मांगने के लिए बुधवार को मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) से मुलाकात की. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा के साथ-साथ दिल्ली की मंत्री आतिशी भी मौजूद थीं. मुलाकात के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सीएम केजरीवाल ने कहा कि शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझसे वादा किया है कि वो अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में साथ देंगे. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश से बीजेपी प्रजातंत्र विरोधी है. मुझे लगता है बीजेपी को ही विपक्ष या विरोधी कहा जाना चाहिए. हम सब यहां पर देश और प्रजातंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हुए हैं.
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सीएम केजरीवाल ने कहा कि 8 साल लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकार दिए थे लेकिन 8 दिनों में ही केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर वो अधिकार वापस ले लिए. जनतंत्र में चुनी हुई सरकार के पास पावर होनी चाहिए. लोकतंत्र में जनता की ही चलनी चाहिए. सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग जज के खिलाफ मुहिम चलाते हैं. विपक्ष की सरकार को गिराने के लिए हर जगह ऑपरेशन लोटस चलाया जाता है. महाराष्ट्र में भी उद्धव सरकार को गिराने के लिए ईडी और सीबीआई का सहारा लिया गया. दिल्ली में भी हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई. पीएम का नाम लिए बगैर उन्होने कहा कि ऐसा आदमी देश नहीं चल सकता. वो तो अहंकार में जी रहा है. पंजाब के राज्यपाल के जरिए बजट सेशन नहीं होने दिया गया. इसलिए जरूरी है कि राज्यसभा में सभी विपक्षी दल मिलकर राज्यसभा में केंद्र का बिल गिरा दें. अगर ऐसा होता है तो ये सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी.