कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को पद्म भूषण (padma awards 2022) मिलने की घोषणा के साथ ही पार्टी का अंतर्विरोध खुलकर सामने आ गया है. कांग्रेस के 'G-23' या 23 "विद्रोहियों" का समूह आजाद को बधाई दे रहा है. जबकि गांधी परिवार के समर्थक इशारों इशारों में कटाक्ष कर रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने तो इसी बहाने कांग्रेस पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
सिब्बल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. बधाई हो भाईजान. यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है.'
वहीं फिल्म अभिनेता और कांग्रेस के बड़े नेता राज बब्बर और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान मिलने पर गुलाम नबी आजाद को ट्वीट कर बधाई दी है.
हालांकि कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से इस घोषणा पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची सामने आने के कुछ समय बाद ही, जयराम रमेश ने अपने सहयोगी पर निशाना साधा.
उन्होंने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण कबूल करने से मना करने का उल्लेख करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'यह सही है. वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहते हैं.'
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बता दें, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सभी कांग्रेस "जी -23" का हिस्सा हैं. साल 2020 में इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन बनाने की मांग की थी. इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी में दरार देखने को मिल रही है.
जानकार बताते हैं कि पद्म पुरस्कार को लेकर टीका-टिप्पणी इसलिए भी हो रही है क्योंकि इसकी घोषणा से कुछ देर पहले ही कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल हुए थे.