कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत मिला है. पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर से पूरी मेहनत की, लेकिन कांग्रेस पार्टी की इस जीत में प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की अहम भूमिका रही. यही वजह है कि सीएम पद की रेस में उनका सबसे आगे चल रहा है. आज उनका 61वां जन्मदिन है और चर्चा है कि पार्टी हाईकमान मिलने के लिए उन्हें दिल्ली बुला सकता है. डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय की आबादी लिंगायत समुदाय के बाद दूसरे नंबर पर है. यही वजह है कि उसे किंगमेकर कहा जाता है. विधानसभा चुनाव परिणाम से यह साबित भी होता है.
डीके शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को हुआ था. वह कर्नाटक के कनकपुरा विधानसभा सीट से 8वीं बार विधायक बने हैं और कांग्रेस पार्टी के सबसे कम समय में अपनी अलग पहचान कायम की है. यही वजह है कि कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोजक कहे जाते हैं. इस विधानसभा चुनाव में पार्टी के सबसे अमीर प्रत्याशी थे. डीके शिवकुमार को कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी को खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने संगठन को जमीनी स्तर से मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है.
ज्ञात हो कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 136 सीटों पर जीत मिली है, जबकि 224 सीटों वाले इस राज्य में सरकार बनाने के लिए 113 ही सीट की जरूरत है. मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दी गई है. सीएम की रेस में डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के नाम पर चर्चा है. डीके शिवकुमार साउथ कर्नाटक में बड़ा चेहरा माने जाते हैं. सिद्धारमैया सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रहे हैं और 840 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं.
हालांकि, शिवकुमार कानूनी पेंच में भी उलझे हुए हैं. ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं. कुल 104 दिन जेल में गुजार चुके हैं और जमानत पर बाहर हैं. वह वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और इस समुदाय को किंगमेकर माना जाता है. राज्य में अबतक 6 मुख्यमंत्री इसी समुदाय से बने हैं.