Election Commission: चुनावी वादों और 'रेवड़ी कल्चर' की चर्चा के बीच चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों (Political parties) को एक चिट्ठी लिखी है. आयोग ने कहा है कि आम चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र (manifesto) में योजनाओं पर आने वाले खर्च और उसके लिए राजस्व अर्जित करने की योजना के बारे में भी बताएंगे. यानी फंड कैसे और कहां से आएगा इसके बारे में भी जानकारी देनी होगी, सिर्फ घोषणा से काम नहीं चलेगा.
चुनाव आयोग ने कहा कि घोषणा पत्र ज्यादा वास्तविक और व्यावहारिक हो, न कि हवा हवाई. उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र वित्त आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक, FRBM, CAG आदि की गाइड लाइन पर आधारित हो.
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इसके अलावा चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी वादों के मुद्दे पर हम खामोश नहीं रह सकते हैं. अगर राजनीतिक दल सिर्फ खोखले वादे कर रहे हैं, तो इसके दूरगामी असर होंगे. आयोग ने अपनी चिट्ठी में सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर 19 अक्टूबर तक जवाब मांगा है. अब हम आपको बताते हैं हाल के चुनावों में राजनीतिक दलों की बड़ी फ्री स्कीम्स
- AAP ने महिलाओं को 1,000 रुपए महीना देने का किया वादा
- अकाली दल ने हर महिला को 2,000 रुपए देने का वादा किया
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- कांग्रेस ने घरेलू महिलाओं को 2000 रु. माह देने का वादा किया
- कांग्रेस का 12वीं की छात्राओं को स्मार्टफोन देने का वादा
- भाजपा ने 2 करोड़ टैबलेट देने का वादा किया था
- AAP ने बेरोजगारों को 3000 रु. महीना भत्ता देने का किया वादा
- BJP ने मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया
- RJD ने किया था 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा