Ex-Tamil Nadu CM Jayalalithaa's death: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत पर एक रिपोर्ट विधानसभा (Tamilnadu assembly) में पेश की गई है. 2016 में जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच करने वाले न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी आयोग (Justice A Arumughaswamy Commission) ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री की विश्वासपात्र वी के शशिकला (sasikala) को अपनी गलती माननी होगी और इस संबंध में जांच का आदेश दिया जाना है.
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जयललिता और शशिकला जिन्हें चिनम्मा कहा जाता था, उनके बीच मधुर रिश्ते नहीं थे. जयललिता की मौत को नेचुरल डेथ (natural death) की बजाय इसे अपराध मानकर जांच कराई जाए. कमेटी ने उनकी मौत की गहन जांच की सिफारिश की है. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री के निजी डॉक्टर समेत एक सीनियर अधिकारी भी शक के घेरे में हैं.
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डॉ केएस शिवकुमार (Dr KS Shivakumar) जयललिता के निजी डॉक्टर थे. उन्होंने जयललिता के बीमार पड़ने पर शुरुआती ट्रीटमेंट दिया. राधाकृष्णन (radhakrishnan) तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव थे, यही जयललिता की सेहत की निगरानी रखते थे. सी विजयभास्कर (C Vijayabhaskar), तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री और जयललिता के करीबी थे. जयललिता के बीमार पड़ने पर बुलेटिन जारी करते थे और हेल्थ अपडेट देते थे.
बता दें साल 2016 में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की चेन्नई के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, ए अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में जांच आयोग का 2017 में गठन किया गया था.
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तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (O Panneerselvam) के नेतृत्व में AIADMK के कई नेताओं ने जयललिता के निधन को लेकर सवाल उठाए थे. उनका मानना था कि जयललिता की सहेली और उनकी बेहद करीबी शशिकला और उनके परिवारवालों ने कुछ छिपाया है. पन्नीरसेल्वम ने ही जयललिता की मौत की जांच का अनुरोध किया था.