Lal Diary: राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कथित 'लाल डायरी' के तीन पन्ने बुधवार को सार्वजनिक कर दिए हैं. गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha)ने दावा किया कि इन पन्नों में कुछ कांग्रेस नेताओं के 'दो नंबर के लेनदेन' का विवरण है और उन्होंने इनके हवाले से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चुनाव में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने पिछले सप्ताह गुढ़ा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसी कोई 'लाल डायरी' मौजूद नहीं है और यह कपोल कल्पित है. गुढ़ा ने दावा किया था कि उन्होंने इसे 2020 में आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के आवास से गहलोत के निर्देश पर सुरक्षित निकाला था.
गुढ़ा ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि तीन पन्नों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और आरसीए सचिव भवानी समोता और अन्य के बीच वित्तीय लेनदेन का विवरण है. वैभव गहलोत वर्तमान में आरसीए के अध्यक्ष हैं.
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गुढ़ा ने आरोप लगाया, 'मैं तथ्यों के आधार पर बोल रहा हूं कि आरसीए चुनाव में वोट खरीदे गए. ' कथित डायरी के एक पन्ने में यह आरोप लगाया गया है कि 'भवानी सामोता लोगों का पैसा नहीं दे रहे हैं' और उन्होंने 'ज्यादातर लोगों से किया हुआ वादा पूरा नहीं किया'
गुढ़ा ने दावा किया कि डायरी की लिखावट का मिलान अशोक गहलोत के करीबी राठौड़ की लिखावट से किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि डायरी के कुछ पन्ने गायब हैं, लेकिन जो पन्ने उनके पास हैं, उन्हें वह जारी करेंगे. राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे पर विधानसभा में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गये गुढ़ा लगातार गहलोत पर निशाना साध रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 'प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उनकी (गहलोत की) जेब में हैं. अगर मुझे जेल हुई तो यह इस सरकार का अंत होगा.'
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने डायरी की सामग्री की जांच के लिए पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई, गुढ़ा ने कहा, 'मैं डायरी को सदन में रखना चाहता था और ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग से जांच कराने की मांग कर रहा था, लेकिन बोलने की अनुमति नहीं दी गई.'
इस 'लाल डायरी' के होने का दावा किये जाने के बाद, भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान इसका जिक्र किया था. विधानसभा में 24 जुलाई को सदन में गुढ़ा द्वारा लाल डायरी का मुद्दा उठाने की कोशिश के बाद सदन में 'असहज दृश्य’ सामने आये थे और उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था.