भड़काऊ भाषण मामले (Hate speech case) में अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) पर मुकदमा नहीं चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम योगी को बड़ी राहत देते हुए याचिका खारिज (dismissed petition) कर दी है. कोर्ट ने साल 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में सीएम योगी पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
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इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी फरवरी 2018 में इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी. जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई थी. मामले में राज्य सरकार ने भी पिछले साल योगी आदित्यनाथ को अभियुक्त बनाने से ये कहकर मना कर दिया था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं (No Proof) हैं.
सीजेआई एनवी रमणा, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने 24 अगस्त को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
दरअसल साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे को लेकर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. जिसमें योगी आदित्यनाथ पर आरोप था कि उनके भाषण के बाद ही गोरखपुर में दंगा भड़का, जिसमें कई लोगों की जान चली गई.