हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के मुख्य गेट पर खालिस्तान समर्थक झंडे (Khalistan Flag HP Assembly) दिखने से हड़कंप मच गया. धर्मशाला में स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी प्रशासन को दी, इसके बाद झंडे को हटाने की कार्रवाई की गई. वहीं इस पूरे मामले पर कांगड़ा के एसपी कुशल शर्मा ने कहा कि यह घटना देर रात या बड़े सवेरे घटी है. पुलिस ने फौरन विधानसभा गेट से खालिस्तानी झंडे हटवा दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि यह किसी पंजाब से आए यात्री की हरकत हो सकती है. हम आज इस घटना के सिलसिले में केस दर्ज कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) संगठन के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) ने हिमाचल के सीएम को खत लिखते हुए खालिस्तानी झंडे लगाने की धमकी दी थी. पन्नू ने खत में धमकी देते हुए कहा था कि वह शिमला में जरनैल भिंडरावाले और खालिस्तान का झंडा फहराएगा. सिख फॉर जस्टिस हिमाचल प्रदश में भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे लगी गाड़ियों के बैन से भड़का हुआ है. संगठन ने 29 मार्च को खालिस्तानी झंडा लगाने का ऐलान किया था. लेकिन भारी सुरक्षा की वजह से वह ऐसी कोई हरकत नहीं कर पाया था. हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि झंडे किसने लगाए हैं.
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इस मामले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं.
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