Nitish Kumar cabinet: नीतीश मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हो गया है. इसमें सबसे पहले विजय कुमार चौधरी, बिजेन्द्र यादव, तेज प्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता और आफाक आलम ने शपथ ली. JDU कोटे से मंत्री बने विजय कुमार चौधरी, चौधरी पूर्व एनडीए सरकार में शिक्षा मंत्री थे. हालांकि 2015 की महागठबंधन सरकार के दौरान वो बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहें. लालू यादव के बड़े बेटे और हसनपुर विधानसभा के विधायक तेज प्रताप यादव 2015 के महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे. तेज प्रताप ने 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है.
विधायक बिजेंद्र यादव को एक बार फिर मंत्री बनाया गया
बात करते हैं आरजेडी विधायक आलोक कुमार मेहता की तो वर्ष 2015 में महागठबंधन से उजियारपुर विधानसभा से निर्वाचित हुए और महागठबंधन सरकार में सहकारिता मंत्री बनाये गए थे. 2020 में वे फिर निर्वाचित हुए और उन्हें एक बार फिर मंत्री बनाया गया है. सुपौल के विधायक बिजेंद्र यादव को एक बार फिर मंत्री बनाया गया है. 2015 में सूबे के उर्जा मंत्री रहे बिजेंद्र यादव 9 बार विधायक बन चुके हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाए गए आफाक आलम पुर्णिया जिले की कसबा सीट से लगातार 4 बार विधायक रहे हैं. कांग्रेस विधायक दल के उप नेता रहे अफाक खान पहली बार मंत्री बने हैं.
जेडीयू ने एक बार फिर अशोक चौधरी को मंत्री बनाया
जेडीयू के नालंदा से विधायक श्रवण कुमार को नए मंत्रिमंडल में जगह मिली है. वो 2015 की महागठबंधन की सरकार में भी ग्रामीण विकास मंत्री थे इसके अलावा जेडीयू ने एक बार फिर अशोक चौधरी को मंत्री बनाया है. एनडीए मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री रहे अशोक चौधरी 2015 की महागठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री थे. जेडीयू कोटे से मंत्री बनी लेसी सिंह एनडीए सरकार में खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री रहीं लेकिन 2015 की महागठबंधन सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था.
कैबिनेट में सबसे चौकाने वाला नाम
बात करें सुरेन्द्र सिंह यादव की तो आरजेडी कोटे से मंत्री बनाए गये सुरेन्द्र सिंह यादव लालू-तेजस्वी के करीबी माने जाते हैं और 7 बार विधायक रहे सुरेन्द्र यादव 2015 में मंत्री नहीं थे. आरजेडी ने जिन मंत्रियों को महागठबंधन सरकार में दोहराया है उनमें अनिता देवी भी एक हैं जो उस वक्त पर्यटन मंत्री थीं. जेडीयू कोटे से मंत्री बने मदन सैनी 2015 में खाद्य आपूर्ति मंत्री थे. कैबिनेट में सबसे चौकानेवाला नाम अंनत सिंह के करीबी कार्तिक सिंह का है. कार्तिक ने हाल ही में जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर पटना एमएलसी का चुनाव जीता था.
बिहार में सरकार गठन के बाद नीतीश सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार
साल 2015 में नीतीश कैबिनेट से तुलना की जाए तो उस वक्त कुल 28 मंत्री थे, जिसमें आरजेडी के 12, जेडीयू के 12 और कांग्रेस के 4 विधायक मंत्री के तौर पर शामिल थे. विधानसभा अध्यक्ष का पद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के पास था. जबकि 2022 में कुल 31 मंत्री बनाए गए हैं. जिसमें आरजेडी के सबसे ज्यादा 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस के 2, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 1 और एक निर्दलीय मंत्री बनाए गए हैं. 2015 में महागठबंधन में 3 दल शामिल थे जबकि इस बार 7 दलों का समर्थन है और चार दल मंत्रिमंडल में शामिल हैं. वहीं लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है. इस बार सत्ता शेयरिंग का फॉर्मूला भी अलग है.
Nitish Cabinet: बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार, कुल 31 मंत्रियों ने ली शपथ, जाने कौन बने मंत्री