Political crisis in Haryana: हरियाणा में गठबंधन सरकार (BJP-JJP Alliance) के बीच सियासी संकट गहराता जा रहा है. बीजेपी और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सत्तारूढ़ दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच खुलकर बयानबाजी से खट्टर सरकार (Manohar Lal Khattar) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. वहीं इस बीच, हरियाणा के चार निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान ने बीजेपी के राज्य प्रभारी बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb) से मुलाकात की है, जिससे सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी हरियाणा में खट्टर सरकार को बचाने और जेजेपी के विकल्प की तैयारी में जुट गई है.
मुश्किल में खट्टर सरकार
दरअसल, विवाद तब और बढ़ गया था, जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब ने उचाना सीट से बीजेपी की प्रेमलता को अगला विधायक बताया था. जबकि, वर्तमान समय में इस सीट से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक (Dushyant Chautala) हैं. बिप्लब देव के बयान पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पलटवार किया था. बता दें कि बिल्पब देब ने कहा था कि अगर जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन दिया है तो कोई एहसान नहीं किया है. इसके बदले में उन्हें (जेजेपी) मंत्री पद भी दिया गया है.
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चौटाला पहले भी साधते रहे हैं निशाना
गठबंधन टूटने की अटकलें पहले भी कई बार लगी थीं. भले ही दुष्यंत चौटाला सरकार में शामिल रहे, लेकिन समय-समय पर वो बीजेपी की विचारधारा से खुद को अलग रखकर बयानबाजी भी करते रहे. चौटाला ने किसान आंदोलन और हाल में पहलवानों के धरना-प्रदर्शन के मुद्दे पर खुलकर बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी की थी. इतना ही नहीं दुष्यंत चौटाला उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं. दुष्यंत ने कहा था कि यह कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन का गंभीर मामला है.