Indian Economy: देश में उपभोक्ताओं को जीएसटी (GST) ने फायदा पहुंचाया है. जीएसटी व्यवस्था की 6 साल पूरे होने के मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि जीएसटी ने पिछली व्यवस्था की तुलना में दरें नीचे लाकर उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है.
ये भी पढ़ें : Teesta Setalvad: तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
उन्होने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले, भारत की अप्रत्यक्ष कर बंटी हुई थी, जहां हर राज्य प्रभावी रूप से उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता के लिए एक अलग बाजार था. जीएसटी की वजह से अब जीएसडीपी से अधिक टैक्स जमा हुआ है. उन्होने कहा कि इसका फायदा केंद्र और राज्यों दोनों को लाभ मिल रहा है.
वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि ये बाद गलत है कि नई व्यवस्था से राज्यों को नुकसान हो रहा है. जीएसटी व्यवस्था की 6वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ''कोविड के बावजूद आज, जीएसटी के बाद किसी भी राज्य को नुकसान नहीं हुआ है.
आम उपभोक्ताओं की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बालों के तेल, टूथपेस्ट, साबुन, परफ्यूम और डिटर्जेंट पर, जीएसटी से पहले औसत कर का बोझ लगभग 28% था, जिसे जीएसटी के तहत घटाकर 18% कर दिया गया.
मिक्सर ग्राइंडर, रेफ्रिजरेटर, वैक्यूम क्लीनर, टीवी (27 इंच तक) और वॉशिंग मशीन जैसी आम उपयोग वाली बिजली की वस्तुओं पर औसत प्री-जीएसटी कर पहले 31.5% था, जो जीएसटी के तहत घटकर 12% हो गया.
उन्होने कहा कि कई सामान्य उपयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं को पूरी तरह से जीएसटी से छूट दी गई है, जैसे कि खाद्य पदार्थ जो पहले से पैक और लेबल किए हुए नहीं बेचे जाते हैं- चावल, गेहूं, आटा, दही, आदि। स्वास्थ्य देखभाल और शैक्षिक सेवाएं, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं और कृषि सेवाएं जैसी सेवाएं भी जीएसटी से मुक्त हैं