भारत समेत पूरी दुनिया महंगाई से परेशान है. लगातार बढ़ रही महंगाई पर काबू पाने के लिए भारत सरकार (Indian government) अतिरिक्त 2 लाख करोड़ रुपये (26 अरब डॉलर) खर्च कर सकती है. बता दें कि भारत में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) दर अप्रैल में बढ़कर 8 साल के उच्च स्तर पर जा पहुंची है. इसी तरह थोक महंगाई दर भी 17 साल के उच्च स्तर पर है.
केंद्र के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, महंगाई बढ़ाने में रूस-यूक्रेन युद्ध (Russo-Ukraine War) की सबसे अहम भूमिका है. वैश्विक बाजार में न सिर्फ कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हैं बल्कि उत्पादन लागत पर भी असर पड़ा है. सरकार का अनुमान है कि खाद सब्सिडी देने के लिए अतिरिक्त 500 अरब रुपये की आवश्यकता होगी. SBI ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि देश में महंगाई बढ़ाने में 59 फीसदी भूमिका यूक्रेन युद्ध की है.
इस साल हैं विधानसभा चुनाव
बता दें कि कई राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने हैं और उससे पहले महंगाई दर के तरह के आंकड़े सरकार की मुश्किल बढ़ा सकते हैं. महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती की है. सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने को करीब एक लाख करोड़ रुपये की चपत लगेगी.