उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की तैनाती को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. लेकिन इस बार सवाल खड़ा करने वाला विरोधी नहीं है. बीजेपी से तीन बार के पूर्व सांसद और देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या योगी सिर्फ मोदी की सभाओं में भीड़ जुटाने का कारिंदा मात्र रह गए हैं?' रिटायर हो रहे अफसर को सेवा विस्तार देकर मुख्य सचिव बनाए जाने को लेकर उन्होंने अपने फेसबुक हैंडल पर लिखा, 'क्या मोदी अब केंद्र के विभिन्न विभागों की तरह उत्तर प्रदेश का शासन भी इन्हीं के बल पर चलाएंगे?' यह पोस्ट 31 दिसंबर की है.
उन्होंने लिखा, 'वर्ष के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में व्यापक फेरबदल चौंकाने वाला है, मुख्य सचिव पद पर तमाम योग्य प्रशासनिक अधिकारियों के होने के बावजूद भी अवकाश प्राप्त अधिकारी को सेवा विस्तार देकर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया जाना क्या उचित है? क्या यह योगी का निर्णय है अथवा किसी अन्य का, इतना ही नहीं तमाम जिलों में जिला अधिकारियों के स्थानांतरण भी इसी बुजुर्ग अधिकारी के निर्देश पर हुए हैं? क्या मोदी अब केंद्र के विभिन्न विभागों की तरह उत्तर प्रदेश प्रशासन भी इन्हीं के बल पर चलाएंगे? क्या योगी सिर्फ मोदी की सभाओं में भीड़ जुटाने का कारिंदा मात्र रह गए हैं? गुजरात, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न चुनावों में आपको महिमामंडित करने वाला आपका यह संत सिपाही क्या अब आपके काम का नहीं रह गया?'
एक निजी चैनल पर बातचीत करते हुए उन्होंने माना कि यह पोस्ट उन्होंने ही लिखी है. उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि मैंने एक रिटायर हो रहे अधिकारी को मुख्य सचिव बनाए जाने के औचित्य पर सवाल खड़ा किया है. मैंने व्यवस्था का विरोध नहीं किया है.
बता दें दुर्गा शंकर मिश्रा केंद्र में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव पद पर तैनात थे और 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे थे. दुर्गा शंकर मिश्रा ने 30 दिसंबर को यूपी मुख्य सचिव के तौर पर अपना कार्यभार संभाला. उनसे पहले आरके तिवारी इस पद पर थे. दुर्गा शंकर 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. मिश्रा दिल्ली मेट्रो के चेयरमैन भी हैं. मिश्रा ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की है. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी से एमबीए किया है. इसके अलावा मिश्रा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार में कई अहम पदों पर भी रहे हैं.