केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) में अन्य राज्यों के लोगों को मतदान का अधिकारी देने का फैसला किया है, जिसके बाद आतंकी भड़क उठे हैं और उन्होंने घाटी में गैर-कश्मीरियों (non-kashmiri) के खिलाफ हमले तेज करने की धमकी दी है. लश्कर-ए-तैयबा समर्थित आतंकी संगठन 'कश्मीर फाइट' ने अपनी वेबसाइट पर गैर कश्मीरियों पर हमले तेज करने की धमकी दी है. आतंकी संगठन ने कहा कि दिल्ली में गंदा खेल खेला जा रहा है और ऐसे में आवश्यक हो गया है कि हम गैर कश्मारियों के खिलाफ हमलों को और तेज करें. आतंकी संगठन 'कश्मीर फाइट' ('Kashmir Fight') ने साफ तौर पर लिखा है कि अब उनके निशाने पर भिखारी से लेकर टूरिस्ट तक होंगे. आतंकियों ने कहा कि वो अब गैर-कश्मीरी कामगारों, व्यापारियों और मजदूरों को तेजी से निशाना बनाएंगे.
अब से गैर-कश्मीरी डाल सकेंगे वोट
गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार (Chief Electoral Officer Hirdesh Kumar) ने बताया कि अब से जो गैर कश्मीरी लोग राज्य में रह रहे हैं, वे वोटर लिस्ट (voter list) में अपना नाम शामिल करवाकर वोट डाल सकते हैं, इसके लिए निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी. निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने अपने निर्देश में ये भी कहा कि अब से सुरक्षाबलों (security forces) के जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जम्मू-कश्मीर में करीब 76.7 लाख वोटर्स हैं और इस कदम के बाद 25 लाख नए वोटर्स बढ़ने की उम्मीद है.
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फैसले के खिलाफ गुपकार गठबंधन ने बुलाई बैठक
वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद सियासत शुरू हो गई है. गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) ने केंद्र के इस फैसला का खुलकर विरोध किया है. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (mehbooba mufti) ने कहा बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में मतदान कराने के लिए 25 लाख बाहरी वोटर्स को शामिल किया है तो वहीं पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला (omar abdullah) ने कहा कि बीजेपी जीत के लिए वोट इंपोर्ट कर रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों को वोट देने के अधिकार पर गुपकार नेताओं की अहम बैठक बुलाई है.