महाराष्ट्र के बाद झारखंड (Jharkhand) में बड़ा सियासी खेल हो सकता है. दरअसल इस बात की सुगबुगाहट तब शुरू हुई जब सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शनिवार को यूपीए विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई थी. लेकिन बैठक में सिर्फ 37 विधायक ही पहुंचे और 11 विधायक इस बैठक से दूर रहे. यही वजह है कि 11 विधायकों के गैर हाजिर रहने पर हेमंत सरकार के क्राइसिस मैनेजरों की नींद उड़ गई है.
सरकार को स्थिर बनाए रखने पर हुई चर्चा !
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई यूपीए विधायकों की बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि जनसमस्याओं के समाधान और अल्पवृष्टि से कम बारिश से उपजे हालात पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई थी, लेकिन सूत्रों की माने तो बैठक का मुख्य एजेंडा सरकार की स्थिरता को बनाये रखना ही था.
ये विधायक बैठक में नहीं पहुंचे
बैठक में जो 11 विधायक नहीं पहुंचे उनमें वहीं, कांग्रेस (congress) से पूर्णिमा नीरज सिंह, भूषण बाड़ा और जेएमएम (JMM) के सरफराज अहमद, चमरा लिंडा और समीर मोहंती का नाम शामिल है, इसके अलावा सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन भी बैठक में नहीं दिखे, जबकि कांग्रेस के 3 विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी कैश कांड में पकड़े जाने के बाद कोलकाता जेल में हैं. वहीं कांग्रेस की ममता देवी ने हाल ही मां बनने की वजह से बैठक में नहीं आ पहुंच सकीं और कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की निजी कारणों से दिल्ली में थीं.