केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) के प्रमुख के. सुधाकरन (K. Sudhakaran) ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की तारीफ करते करते कुछ ऐसा कह गये जिसने कांग्रेस के नेताओं को भी बंगले झांकने के लिए मजबूर कर दिया है. उन्होने कहा कि नेहरू एक महान नेता (great leader) थे. उन्होंने आरएसएस नेता (RSS leader) श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee) को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर 'उदारता' दिखाई थी.
सुधारकरन ने कहा "नेहरू लोकतांत्रिक चेतना के उच्चतम स्तर के प्रतीक हैं, जिन्होंने बीआर अंबेडकर को कानून मंत्री बनाया. वे इतने उदार थे कि अपनी कैबिनेट में RSS नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को मंत्री बनाया. इतने दरियादिल कि सांप्रदायिक फासीवादियों से भी समझौता कर लिया." सुधाकरन कन्नूर से लोकसभा सांसद भी हैं. उन्होंने ये बयान जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर ही दिया है.
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इस दौरान उन्होंने कहा कि दशकों पहले उन्होंने (जवाहर लाल नेहरू) मुस्लिम लीग को परेशान किया था और आरएसएस की शाखाओं को संरक्षण दिया था. सुधाकरन ने आगे कहा, नेहरू ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर को संविधान की जिम्मेदारी दी थी, जो कांग्रेस नेता नहीं थे. नेहरू ने अपनी सरकार में अंबेडकर को कानून मंत्री बनाया.
सुधाकरन के बयान के बाद केरल में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है. कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और सत्तारूढ़ सीपीएम ने उनके बयान की आलोचना की है. मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सुधाकरन के बयान की आलोचना करते हुए उन पर कांग्रेस को संघ परिवार के खेमे में ले जाने की कोशिश का आरोप लगाया. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता एम. के. मुनीर ने सुधाकरन की टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे लोगों को उकसाने और फासीवादियों को खुश करने वाला बताया. उन्होने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन कांग्रेसियों की आरएसएस का समर्थन करने वाली सोच है, उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए.