सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल मिलाकर 12,769 करोड़ रुपये का चंदा राजनीतिक पार्टियों को मिला. 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी BJP को मिला.
किसे कितना चंदा मिला ?
चुनाव आयोग ने दी जानकारी
ये रिपोर्ट भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से 14 मार्च, 2024 को जारी आंकड़ों पर आधारित है. जिसमें 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच की अवधि के आंकड़ों की जानकारी दी गई थी.
किसने-किसको चंदा दिया, ये पता नहीं चलता ?
दोनों लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों और इन्हें इनकैश कराने वालों के तो नाम हैं, लेकिन यह पता नहीं चलता कि किसने यह पैसा किस पार्टी को दिया?
इस मामले में याचिका लगाने वाले ADR के वकील प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया कि SBI ने वो यूनिक कोड नहीं बताया, जिससे पता चलता कि किसने-किसे चंदा दिया.
कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा पर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने कहा, दानदाताओं और इसे लेने वालों के आंकड़े में अंतर है. दानदाताओं में 18,871 एंट्री है, जबकि लेने वालों में 20,421 की एंट्री है. पार्टी ने ये भी पूछा है कि ये योजना 2017 में शुरू हुई थी तो इसमें अप्रैल 2019 से ही डेटा क्यों है?
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