शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने पीएम मोदी के 'फकीर' वाले बयान पर चुटकी ली है. उन्होंने रविवार को कहा कि अपने काफिले में ‘12 करोड़ रुपये की कार’ (PM Modi's 12 crore car) को शामिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘फकीर’ होने का दावा नहीं कर सकते. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की प्रशंसा भी की है.
उन्होंने लिखा है कि देश के विभाजन के बाद सुरक्षा खतरे के बावजूद नेहरू ने हमेशा भारत निर्मित एम्बेस्डर कार का इस्तेमाल किया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की जान को ख़तरा था. फिर भी उन्होंने अपने सिख सुरक्षा कर्मियों को नहीं बदला. राजीव गांधी खतरे के बावजूद तमिलनाडु में भीड़ से मिले. जबकि उन्हें भीड़ के साथ नहीं मिलना चाहिए था.
शिवसेना नेता ने लिखा कि 28 दिसंबर को मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए लाई गई 12 करोड़ रुपये मूल्य की कार की तस्वीर प्रकाशित की. वह व्यक्ति जो खुद को फकीर, प्रधान सेवक कहते हैं, विदेश में बनी कार का इस्तेमाल करते हैं. प्रधानमंत्री की सुरक्षा और सुविधा अहम हैं लेकिन अब से प्रधान सेवक को नहीं दोहराना चाहिए कि वह फकीर हैं.
बता दें, हाल ही में प्रधानमंत्री के काफिले में मर्सिडीज मेबैक एस 650 (Mercedes Maybach S 650) नामक कार को शामिल किया गया है. मीडिया में इस श्रेणी की कार की कीमत करीब 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है. हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि नयी कार प्रधानमंत्री द्वारा इस्तेमाल बीएमडब्ल्यू कार के बदले में लाई गई है क्योंकि जर्मन कंपनी ने उसका निर्माण रोक दिया है.