मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पांच बीघा जमीन का विवाद नहीं थम रहा है और मौजूदा लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी के विवादित बयान ने इसे और बढ़ा दिया है. भितरवार तहसील में आयोजित 96 गांव की महापंचायत में इमरती देवी अनुसूचित जाति के लोगों को सरकारी जमीन को कब्जाने के लिए उकसाती नजर आईं. साथ ही पुलिस के खिलाफ अपशब्द भी कहा. उन्होंने कहा कि सहराई में खुद जमीन घेरी और खड़े होकर बाबा साहब की मूर्ति लगवाई. बिलौआ में खाली जमीन पड़ी थी, लोगों ने पूछा क्या करें. हमने कहा वह जमीन अपनी है, पैसे पकड़ो बाबा साहब की मूर्ति लाओ और रख दो. अब वहां पर सामुदायिक केंद्र भी बन गया है.
यहीं नहीं उन्होंने कहा कि आप पूरी हिम्मत और ताकत से लड़ो. पुलिस की गाड़ियों से भी डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आज हमारे लोगों के गांव के गांव भरे पड़े हैं। जब हमारी इतनी जनसंख्या है, तो हमें क्यों डरना.
बता दें कि भितरवार के पास गोहिंदा मार्ग पर स्थित जमीन के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में विवाद है. एक पक्ष ने इस जमीन पर 19 अक्टूबर को डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगा दी थी, जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने यहां फोर्स तैनात कर दिया. फिर इसी मुद्दे को लेकर 96 गांव की पंचायत बुलाई गई, जहां इमरती देवी ने ये बयान दिया.
अब इस बयान पर बीजेपी बैकफुट पर आ गई है तो कांग्रेस और दूसरे दलों ने आपत्ति जताई है. हालांकि, बीजेपी एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कहा मुझे नहीं मालूम इमरती देवी ने क्या कहा, लेकिन नियमों के विरुद्ध और प्रशासन के अनुमति के बिना किसी को भी सरकारी जमीन पर महापुरुषों की प्रतिमा लगाने का अधिकार नहीं है.