Mulayam Singh Yadav: अंतिम दर्शन में हजारों की भीड़, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, दिग्गज नेताओं से लेकर आमजनों की श्रद्धांजलि....एसपी संस्थापक(SP founder) के निधन के बाद ये सब कुछ उनके पैतृक गांव सैफई में ही हुआ. लेकिन, अब मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की तेरहवीं नहीं होगी, यानी तेरहवें दिन ना ब्राह्मण और ना आमजनों के लिए भोजन का आयोजन होगा.
बस 11वें दिन हवन और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा...क्योंकि सैफई(Saifai) के लोग भी ऐसा ही करते हैं, काफी पहले से ही तेरहवीं(Mulayam Singh Yadav Thirteenth) पर भोज के चलन को बंद कर दिया गया है. इनका मानना है कि इससे भोज का आर्थिक बोझ पड़ता है.
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हालांकि, सक्षम लोगों को तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होती पर, उसे देखकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर इस दुख के दौरान भोज के आयोजन का मानसिक दबाव रहता है. इसलिए सालों से गांव में किसी के निधन के बाद तेरहवीं कराने का चलन ही खत्म कर दिया गया है, वहीं सैफई के लिए मुलायम सिंह यादव का जुड़ाव और वहां के लोगों के लिए उनका लगाव किसी से छिपा नहीं है...इसलिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी लोगों की भलाई को ध्यान में रखते हुए इस परंपरा को कायम रखने का फैसला लिया है.
हालांकि, समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए 21 अक्टूबर को पूरे यूपी में कार्यक्रम करेगी. इस बाबत गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, जिला-नगर अध्यक्षों समेत सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं.
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