Manipur Violence: मणिपुर में पिछले करीब डेढ़ महीने से हिंसा जारी है और अब लोग सरकार के मंत्री और सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं को निशाना बना रहे हैं. राज्य और केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है. लेकिन हालात काबू नहीं हो पा रहे हैं. इस बीच मणिपुर की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आई है. NPP ने BJP से गठबंधन तोड़ने के संकेत दिए हैं.
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वाई जॉयकुमार सिंह (Yumnam Joykumar Singh) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि- अगर राज्य में ऐसे ही हालात रहे, तो उनकी पार्टी को बीजेपी के साथ गठबंधन (NPP-BJP Alliance) पर विचार करना होगा. जॉयकुमार ने कहा कि-'हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते'.
एनपीपी नेता ने कहा कि 'मणिपुर में अनुच्छेद 355 लागू है. इसलिए यहां के लोगों की सुरक्षा करना राज्य और केंद्र की जिम्मेदारी है लेकिन हिंसा से निपटने के लिए कोई उचित योजना नहीं है. फिलहाल हालात में सुधार के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं.'
यहां भी क्लिक करें: Manipur Violence: मणिपुर में गोलीबारी में 9 लोगों की मौत, हिंसा में कई घायल
बता दें कि मणिपुर में जारी तनाव के बीच इंफाल में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है. यहां उग्र भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच झड़प की खबर सामने आई हैं. बीजेपी नेताओं के घरों को आग लगाने की कोशिश भी की गई है. इससे पहले केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने हमला कर दिया. उनके घर पर बमके हुए. उसके बाद भीड़ ने आरके रंजन को निशाना बनाया गया है.
मणिपुर में एक महीने पहले मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झड़पें और फिर भड़की थी. इस जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. यहां मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग कर रहा है, इसके विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला गया था. राज्य सरकार ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए 11 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.
गौरतलब है कि- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दौरे के बावजूद हालात में कुछ खास बदलाव नहीं आया. अमित शाह जब राज्य के दौरे पर थे और नेताओं से मुलाकात की थी. उस वक्त भी मणिपुर हिंसा की आग ने झुलस रहा था.