देशभर में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर दिल्ली (Delhi) समेत कई राज्यों में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. इस बीच अब हैदराबाद (Hyderabaad) से सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Assaduddin Owaisi) के बयान की चर्चा तेज हो गई है. दरअसल, उन्होंने सरकार से पूछा है कि अगर 20 करोड़ लोगों का एक छोटा सा भी हिस्सा कट्टरपंथी हो जाता है और जवाबी हिंसा को अपना लेता है, तो क्या भारतीय राज्य सुरक्षा चुनौती से निपटने में सक्षम होगा?
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हालांकि, अब उनके इस बयान पर सियासी दलों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. बता दें कि इससे पहले भी ओवैसी ने दिल्ली हिंसा और बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. अतिक्रमण के नाम पर यह यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में घर तोड़ने जा रही है. कोई नोटिस नहीं, ना कोर्ट जाने का मौका, बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की हिम्मत के लिए सजा दिया जा रहा है. इस बयान में ओवैसी ने दिल्ली के सीएम पर भी हमला करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका साफ करनी चाहिए.