सदन (Parliament) की कार्यवाही में विपक्ष सरकार के सवाल पूछती है तो सरकार को विपक्ष को जबाव देना होता हैं. लेकिन इन सब के बीच सदन की कार्यवाही (Proceeding) को चलाना बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि कई बार विपक्ष (Opposition) के हो हल्ला के बीच सदन की कार्यवाही को स्थगित (Adjourned) करना पड़ता है. ऐसा ही इस बार संसद के मानसून सत्र (monsoon session of parliament) में भी देखने को मिल रहा है. जब विपक्ष के हंगामें के बीच बार-बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ रहा है.
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'हाय रे भाजपाई महंगाई, तूने कैसी आफत लाई'
लोकसभा के बाद राज्यसभा (Rajya sabha) में भी महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा देखने को मिला यहां कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) ने 'हाय रे भाजपाई महंगाई, तूने कैसी आफत लाई' जैसे जुमले से अपने भाषण की शुरूआत की और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
गोहिल ने उतारी पीएम की नकल
इतना नहीं गुजरात से कांग्रेस सांसद गोहिल ने पीएम मोदी (PM modi) की नकल उतारकर भी बीजेपी सांसदों को चिढ़ाया और महंगाई के मुद्दे पर उन्हें मोदी का पुराना भाषण याद दिलाया.
विपक्ष के शोर से चढ़ा पुरुषोत्तम रुपाला का पारा
हंगामा सिर्फ राज्यसभा में ही नहीं लोकसभा (Loksabha)में भी देखने को मिला. प्रश्नकाल के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड पर सवाल-जवाब के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गरमा-गरमी देखने को मिली. केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (Purushottam Rupala) विपक्ष के सांसदों के शोर से इतने नाराज हो गए कि जोर-जोर से चिल्लाने लगे और विपक्ष की तरफ उंगलियां दिखाकर बात करने लगे.
सदन की कार्यवाही के बीच नेताओं के इस तरह के व्यवहार के बीच सांसद ठहाके लगाते भी दिखे. लेकिन आपको ये भी बता दें कि शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही बाधित होने से कामकाज पर असर पड़ता है. ख़बरों के मुताबिक मोदी सरकार के पिछले 8 साल के कार्यकाल में सदन की कार्यवाही 74 फीसदी तक ही सफल रही है. जबकि मनमोहन सरकार में करीब 88 फीसदी और अटल बिहारी सरकार में ये आंकड़ा 90 फीसदी के करीब था.
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