पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Case) ने एक नया मोड़ ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन लोगों से जानकारी देने को कहा है जिन्हें संदेह है कि उनके फोन को निशाना बनाया गया. दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई तकनीकी कमेटी ने एक सार्वजनिक नोटिस में ऐसे लोगों से 7 जनवरी तक संपर्क करने को कहा है.
कमेटी ने यह भी कहा है कि वह फोन की जांच के लिए तैयार हैं. इससे पहले पेगासस स्पाइवेयर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस समिति में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज आरवी रविंद्रन, आईपीएस आलोक जोशी, संदीप ओबेरॉय के अलावा तीन तकनीकी सदस्य शामिल हैं.
न्यूज पोर्टल "द वायर" की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 142 से अधिक लोगों को इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए निशाना बनाया गया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब द्वारा कुछ सेलफोन की फोरेंसिक जांच में सुरक्षा में सेंध की पुष्टि हुई थी.
जिन लोगों की कथित तौर पर जासूसी हुई थी, उस लिस्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, दो मौजूदा केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व चुनाव आयुक्त, सुप्रीम कोर्ट के दो रजिस्ट्रार, एक पूर्व जज का पुराना नंबर, एक पूर्व अटॉर्नी जनरल के करीबी सहयोगी और 40 पत्रकार शामिल हैं.
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