देश की करीब 17 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के उस फैसले को 'खतरनाक' बताया है, जिसमें (PMLA) यानि मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम में किए गए संशोधनों को बरकरार रखा गया है. कांग्रेस, TMC, DMK,CPIM, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल सहित कुछ अन्य पार्टियों ने हस्ताक्षर करके अपना बयान जारी किया है. जिसमें लिखा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहरी चिंता जाहिर करते हैं और हमें उम्मीद है कि यह 'खतरनाक' फैसला बहुत कम समय के लिए होगा और संवैधानिक प्रावधानों की जीत होगी.
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ED की शक्तियों को SC ने रखा है बरकरार
गौरतलब है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट ( PMLA) के तहत ED द्वारा की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई को फैसला सुनाया था, जिसमें PMLA मामलों में ED की शक्तियों को बरकरार रखा था. इसी फैसले की समीक्षा के लिए विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं.
PMLA एक्ट क्या है ? (What is PMLA Act)
PMLA (Prevention of Money Laundering Act) एक ऐसा कानून है, जो भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसता है. यह कानून NDA के शासनकाल में 2002 में बना. हालांकि, इसे 2005 में कांग्रेस के शासनकाल में लागू किया गया था.
ED को ये 3 अधिकार देता है PMLA एक्ट
एजेंसी भ्रष्टाचार के आरोपियों को सीधे गिरफ्तार कर सकती है.
भ्रष्टाचारियों के घर छापा मारने और उनकी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार होता है.
करप्ट नेताओं-अफसरों पर ED सरकार की अनुमति के बिना केस चला सकती है.