मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन ( Maa Heeraben 100th Birthday ) पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग ( PM Narendra Modi Blog ) में अपने बचपन के दोस्त अब्बास का जिक्र किया... मोदी ने लिखा था कि कैसे ईद पर मां अब्बास की पसंद का खाना बनाती थीं... अब्बास ने मोदी के घर रहकर ही पढ़ाई भी की थी.. अब हिन्दी समाचार पत्र दैनिक जागरण ने मोदी के बचपन के दोस्त से बात की है और उनके अनुभवों को भी जाना है...
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अब्बास का पूरा नाम अब्बास मियांजी रामसदा ( Abbas Miyanji Ramsada ) है और वह इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में अपने दो बेटों के साथ रहते हैं... मोदी ने जब अपने दोस्त अब्बास का जिक्र किया, तो लोग इस शख्स के बारे में जानने को उत्सुक हो उठे थे... अखबार ने जब अब्बास से बात की, तो दूसरी तरफ से आवाज आई... मैं अब्बास बोल रहा हूं, सिडनी से.
अब्बास इस बात से फूले नहीं समा रहे कि भारत के प्रधानमंत्री ने अपने बचपन के दोस्त को यादों में जिंदा रखा है. उन्होंने बातचीत में कहा कि लोग मिलकर भूल जाते हैं लेकिन देश के पीएम ने 40-50 साल बाद भी मुझे याद रखा है... यह गर्व की बात है
अब्बास ने जागरण से कहा कि उन्हें हर रोज ही कसिंपा से वडनगर तक स्कूल आने और फिर यहां से वापस जाने में परेशानी होती थी... तब उनके पिता के दोस्त और नरेंद्र मोदी के पिता दामोदरदास काका ने अब्बास के बड़े भाई से कहा था कि उसे हमारे यहां भेज हो... अब्बास मेरे लिए पंकज (PM मोदी के भाई) जैसा ही है... वडनगर में मोदी के परिवार के साथ रहकर ही अब्बास ने साल 1973 और 1974 में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की थी.
अब्बास ने हीराबेन से जुड़ी यादें भी बयां की. उन्होंने कहा- वह मेरा बहुत ख्याल रखती थीं... कभी पंकज और मुझमें फर्क नहीं किया... ईद, दिवाली, नवरात्रि साथ मनाते थे. पढ़ाई करके वह हीराबेन से मिलने गए और फिर मक्का की यात्रा के बाद पवित्र जल आबे जमजम लेकर भी उनके पास गए.
अब्बास पूरी बातचीत में पीएम मोदी के ब्लॉग से खुश दिखाई दिए....
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