PMLA Case Verdict: एक तरफ नेशनल हेराल्ड से जुडे़ मनी लान्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ कर रही है जिसपर कांग्रेस आग बबूला है, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने PMLA और ED जैसी दूसरी जांच एजेंसियों के अधिकारों पर अहम फैसला सुनाया है. जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मनी लांड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है, इसके लिए समन भेजना सही है.कोर्ट का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामले में गिरफ्तारी के लिए कारण बताना ही पर्याप्त है. हालांकि याचिकाकर्ता की ओर कहा गया कि ED जैसी जांच एजेंसियां कानून का पूरा पालन नहीं कर रही हैं. इस पर भी जजों ने जांच एजेंसियों का पक्ष लेते हुए कहा कि ED के अधिकारी कोई पुलिस अधिकारी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि PMLA के तहत ED को मिले अधिकार बने रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उन विपक्षी दलों के लिए तगड़ा झटका है, जो सरकार पर आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार ED जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है.
ED को छापेमारी और गिरफ्तारी का अधिकार
PMLA के तहत ED को मिले सभी अधिकार सही
बिना वारंट गिरफ्तारी जारी रहेगी
मोदी सरकार द्वारा कानून में किए गए संसोधन सही
ED के सामने दिया गया बयान ही सबूत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस,एनसीपी, टीएमसी समेत उन सभी विपक्षी दलों की आस खत्म कर दी है जिन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट ई़डी के गिरफ्तारी करने के अधिकार और समन जारी करने के अधिकार को लेकर याचिका के पक्ष में फैसला सुना सकता है.
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(Prevention of Money Laundering Act - PMLA)धन शोधन निवारण अधिनियम
मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के साथ साथ अवैध गतिविधियों और आर्थिक अपराधों में काले धन के उपयोग को रोकना इस कानून का उद्देश्य है इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल या उससे जुटाई गई संपत्ति को जब्त करना भी इसके अंतर्गत आता है.