चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ( Election Strategist Prashant Kishor ) ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है. PK ने कांग्रेस को डूबती नैया बताया है. प्रशांत किशोर ने बिहार के हाजीपुर में कहा कि इस पार्टी की वजह से ही उनका चुनाव जीतने का ट्रैक रिकॉर्ड बिगड़ गया. उन्होंने फैसला लिया है कि भविष्य में कांग्रेस के साथ काम नहीं करेंगे. यह बात उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहीं.
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बता दें कि किशोर ने बहुचर्चित 3500 किलोमीटर लंबी ‘‘पदयात्रा’’की तैयारी के तहत जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की है. उनकी योजना गांधी जयंती के दिन पदयात्रा शुरू करने की है.
बिहार की राजनीति पर निशाना
किशोर ने कहा, ‘साल 1960 तक बिहार बेहतरीन शासित राज्यों में से एक था. 1960 के दशक में हालात बिगड़ने शुरू हुए और 1990 के दशक में विकास के सभी मानकों पर यह निचले स्तर पर चला गया. इस दौरान एक खास बात राजनीतिक अस्थिरता की रही. बिहार ने 23 साल की इस अवधि (वर्ष 1967 से 1990 के बीच) में 20 से ज्यादा सरकारों को देखा.’
किशोर ने कहा, ‘मैंने बिहार को सिर्फ इसलिए नहीं चुना क्योंकि यह मेरा गृह राज्य है...इसका पहला कारण यह है कि मैं सत्ता का केंद्रीकरण ऐसे स्तर पर देखता हूं जिसकी कुछ समानताएं हैं. पिछले 30 साल में सभी सांसद और विधायक केवल 1200 से 1300 राजनीतिक परिवारों से आए, भले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई भी हो. कल्पना कीजिए यह उस राज्य की स्थिति है जहां पर तीन करोड़ परिवार हैं.’