राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा अपने दावेदारी को मजबूत करने में जुटे थे लेकिन उनकी उम्मीदवारी की पैरवी करने वाली ममत बनर्जी ने ही उन्हें झटका दे दिया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर BJP पहले ही पहले बता देती कि वह द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाने वाली है तब विपक्ष का समर्थन भी रहता. ऐसी भी ख़बरें है कि सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें पश्चिम बंगाल आकर चुनाव प्रचार करने से भी मना कर दिया है.
ममता ने दिया यशवंत सिन्हा को झटका
बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने यह कहकर यशवंत सिन्हा को जबरदस्त झटका दिया था कि अगर बीजेपी दौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए पहले रख देती तो विपक्ष भी उनका समर्थन करता लेकिन अब यशवंत सिन्हा चूंकि विपक्ष के साझा उम्मीदवार हैं इसीलिए सिन्हा का साथ देना उनकी मजबूरी है.
अपने गृह राज्य में भी बैकफुट पर सिन्हा
यशवंत सिन्हा की फजीहत सिर्फ ममता के बयान से ही नहीं हुई, बल्कि उनके गृह राज्य झारखंड में भी वो चुनाव प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन ने भी द्रोपदी मुर्मू को समर्थन दे दिया है. वहीं रही सही कसर महाराष्ट्र की सियासत में हुए सत्ता परिवर्तन ने पूरी कर दी. यही वजह है कि अब सिर्फ हार नहीं बल्कि बड़े मार्जिन की हार का डर यशवंत सिन्हा को सता रहा है.
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राजनीतिक जानकारों की माने तो ममता ने ऐसे ही यशवंत को झटका नहीं दिया है बल्कि इसके पीछे वजह भी है. ममता को अपना आदिवासी वोट बैंक खिसकने का डर सताने लगा है इसीलिए अब वो यशवंत सिन्हा को झटका देकर द्रोपदी मुर्मू का समर्थन करती दिख रही हैं.