राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को जिन 14 दलों का समर्थन मिला है उसमें आम आदमी पार्टी भी शामिल है. आम आदमी पार्टी ने बड़े सस्पेंस के बाद वोटिंग से ठीक दो दिन पहले ये फैसला किया. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के इस फैसले के तार गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़े हो सकते हैं. खास बात ये है कि यशवंत सिन्हा को वोट देने का फैसला करने वाली आम आदमी पार्टी ने विपक्ष की बैठकों से दूरी बना कर रखी. हालांकि, जून में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का समर्थन करने जा रही है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी का महत्व काफी है क्योंकि विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ही ऐसी पार्टी है, जिसकी एक से ज्यादा राज्य में सरकार है.
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आपको बता दें कि 2017 में भी अरविंद केजरीवाल ने ऐसा ही फैसला लिया था. तब आम आदमी पार्टी ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट दिया था. 2017 में चुनाव दलित वोटों के मुद्दे पर हुआ था, इस बार लक्ष्य आदिवासी वोटों को साधने का है.
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