राष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम ( President Elections in India Schedule ) का ऐलान होते ही जहां विपक्षी खेमे में हलचल दिखाई दी है, वहीं सरकार की ओर से अभी तक आधिकारिक उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है. अटकलों का बाजार हालांकि गर्म है और खबरों में कई तरह के नाम इसकी रेस में बताए जा रहे हैं. हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि चाहे बात एपीजे अब्दुल कलाम ( A. P. J. Abdul Kalam ) को बतौर राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनाव में उतारने की हो या राम नाथ कोविंद ( Ram Nath Kovind ) की, बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने दोनों ही मौकों पर देश को अचंभित कर दिया था.
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बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए, राष्ट्रपति चुनाव में हो सकता है कि रामनाथ कोविंद को दोहराए या एक नए नाम के साथ हमें हैरान कर दे. इसको लेकर अटकलें जारी है. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बीजेपी ने उम्मीदवार पर मंथन के लिए कर्नाटक के राज्यपाल और दलित नेता थावर चंद गहलोत, तेलंगाना के राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के नाम पर भी विचार किया है.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ( Mukhtar Abbas Naqvi ) मौजूदा हालात में बीजेपी के एजेंडे पर फिट बैठते हैं. चुनावी तौर पर बेहद अहम समुदाय तक पहुंच बनाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश के लिहाज से भी नकवी मुफीद चेहरा हो सकते हैं. नकवी एक शिया मुस्लिम हैं. उनकी पत्नी हिंदू हैं. मुस्लिमों के शिया वर्ग को बीजेपी के प्रति नरम माना जाता है. केंद्र सरकार के 3 तलाक वाले कानून पर भी शिया वर्ग के एक धड़े ने समर्थन की आवाज उठाई थी.
नकवी के नाम की अटकलें इसलिए भी तेज हैं क्योंकि उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया है और अब ऊपर सदन में उनकी सदस्यता अंतिम दौर में है. हालांकि, कुछ खबरों में केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ( Kerala Governor Arif Mohammad Khan ) को भी दावेदार बताया गया है.
PM नरेंद्र मोदी ने अक्सर ही तमिल संस्कृति की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा है कि तमिल भाषा, संस्कृत से भी पुरानी है. अगर बीजेपी दक्षिण से उम्मीदवार चुनती है, तो पार्टी को न सिर्फ वहां से समर्थन मिलेगा बल्कि तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके के साथ साथ केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में विरोधी दल भी समर्थन में आ सकते हैं.
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NDA अगर बंगाल की धरती से कोई उम्मीदवार चुनता है तो वहां की सत्ताधारी टीएमसी न चाहते हुए भी पार्टी के साथ आ सकती है. बता दें कि ममता इस वक्त राष्ट्रपति चुनाव में एक तरह से विरोधी मोर्चे की अगुवाई कर रही हैं. 2012 में भी वे प्रणब मुखर्जी को वोट कर चुकी हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो चुकी है. इस कार्यक्रम के तहत 29 जून को नामाकंन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. 2 जुलाई को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है. भारत में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया 18 जुलाई को होगी. नाम वापस लेने की तारीख के बाद भी अगर 1 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में रहे, तो ही वोटिंग होगी. 21 जुलाई को वोटों की गिनती होगी और इसी दिन देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे.