राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में उम्मीदवार को लेकर विपक्षी दलों ने खूब मंथन किया. कई नामों पर चर्चा के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया. शुरुआत में ऐसा लगा कि इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. लेकिन एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (NDA Candidate Draupadi Murmu) के नाम का ऐलान होते ही विपक्ष (Opposition) का कुनबा पूरी तरह बिखर गया. इतना ही नहीं मुर्मू की उम्मीदवारी से 3 गठबंधन (Alliance) टूटने के कगार पर पहुंच गए हैं.
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महाराष्ट्र (Maharashtra)
महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena) में बगावत के चलते महाअघाड़ी गठबंधन (Maha Aghadi Alliance) की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. सत्ता से बाहर होने के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एकजुट रहने का दावा कर रही थी. लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी (Congress and NCP) को जोर का झटका दिया है. हालांकि कांग्रेस और एनसीपी यशवंत सिन्हा के साथ है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
इसी साल संपन्न हुए यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) ने गठबंधन किया था. चुनाव बाद भी दोनों दल साथ रहने का दम भर रहे थे. लेकिन बीतते वक्त के साथ दोनों के रिश्तों में दरार आती दिखाई देने लगी है. राजभर ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर अखिलेश को जोर का झटका दे दिया है. इससे पहले राजभर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की डिनर पार्टी में शामिल हो चुके हैं. राजभर की पार्टी का कहना है कि हमें विपक्षी दलों की बैठक में नहीं बुलाया गया. ऐसे में हमारे पास कोई और रास्ता नहीं बचा है.
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झारखंड (Jharkhand)
झारखंड में जेएमएम (JMM) के नेतृत्व में कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार है. लेकिन यहां भी JMM और कांग्रेस के बीच ऑल इज वेल नहीं है. वैसे तो दोनों दलों के बीच खटपट राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के दौरान से ही देखने को मिल रही है. रही सही कसर राष्ट्रपति चुनाव ने पूरी कर दी है. सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर कांग्रेस को जोर का झटका दिया है. सीएम के इस फैसले से कांग्रेस-JMM के बीच की खाई और बढ़ सकती है. इस बीच कांग्रेस ने हेमंत सोरेन के फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. उधर कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दो खेमों में बंटी दिखाई दे रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव, राजेश कच्छप, भूषण बाड़ा समेत कुछ विधायक यशवंत सिन्हा के नाम पर वोट देने को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं.