नई संसद में कदम रखने से पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं को वरिष्ठता के हिसाब से बोलने का मौका मिला. लोकसभा में सबसे ज्यादा समय से सांसद मेनका गांधी को वरिष्ठता के आधार पर बोलने के लिए बुलाया गया.
इस दौरान मेनका गांधी ने कहा- 'मैंने 32 साल की उम्र में संसद में कदम रखा था, मेरे पति की मौत के 9 साल के बाद. मैं पर्यावरण मंत्री बनी। 35 साल के अपने कार्यकाल में मैंने अब तक 7 प्रधानमंत्री देखे हैं.'
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लोकसभा की सबसे वरिष्ठ सासंद ने कहा कि कि वो काफी समय तक निर्दलीय सदस्य रहीं और 2004 में बीजेपी में शामिल हो गईं. उन्होंने कहा कि संसद का सदस्य होना अपने साथ काफी जिम्मेदारियां लेकर आता है. मेनका गांधी के स्चीप के दौरान संसद में खूब तालियां बजीं.