लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हुई बहस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार को अर्थ नीति से लेकर विदेश नीति तक जमकर घेरा. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत की चुनौतियों के बारे में जिक्र नहीं किया गया. इसमें सच्चाई का काफी अभाव था. अभिभाषण में कामों की लंबी सूची तो थी, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया कि आज भारत बंट चुका है. आज एक नहीं दो भारत हो गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमारी यूपीए की सरकार ने दस साल के भीतर 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था और इस सरकार ने 23 करोड़ लोगों को गरीबी में धकेल दिया. राहुल गांधी ने अंबानी और अडानी को देश का सबसे बड़ा मोनोपोलिस्ट करार दिया और कहा कि दोनों उद्योगपति कोरोना वायरस के वैरिएंट (डेल्टा और ओमिक्रॉन) की तरह ही डबल-ए (AA) वैरिएंट हैं. ये वैरिएंट देश की अर्थव्यवस्था को अपनी चपेट में लेते जा रहे हैं. उन्होंने अपने आरोपों में कहा कि मोदी सरकार ने अडानी और अंबानी को हिंदुस्तान के सभी बंदरगाह, हवाई अड्डे, खदानें, पेट्रोकेमिकल, टेलीकॉम, रिटेल, ई-कॉमर्स और बिजली कारखाने इत्यादि दे दिए हैं.
राहुल ने धन्यवाद प्रस्ताव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोला और एक वाकया सुनाया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले किसी राजनीतिक दल के नेता मणिपुर से आए थे, वे काफी गुस्से में थे. मैंने उनसे पूछा कि आप गुस्से में क्यों हैं, तो उन्होंने कहा कि मेरी कभी बेइज्जती नहीं हुई है. क्योंकि मणिपुर के कई नेता कुछ दिन पहले गृह मंत्री के घर गए थे. वहां हमसे जूते उतरवाए गए, लेकिन गृह मंत्री चप्पले पहनकर घूम रहे थे. आखिर क्यों गृह मंत्री अपने घर में चप्पल पहनकर घूम सकते हैं और बाहर से आया व्यक्ति बिना जूतों के घूमेगा. उन्होंने मुझे इसकी तस्वीर दिखाई। आखिर ऐसा भेदभाव क्यों? ये कौन सा तरीका था आपका?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीति की वजह से पाकिस्तान और चीन साथ साथ आ गए हैं और आज भारत दुनिया से अलग थलग हो चुका है और चारों तरफ से घिर चुका है. डोकलाम और लद्दाख को लेकर चीन की योजना काफी स्पष्ट है जबकि भारत की विदेश नीति में काफी गलतियां हैं. चीन आज भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.
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